@Poetrywithअक्ष

हमारी परम्परागत सांस्कृतिक चेतना ही हमारी पहचान है
हम भारतवासी हमारी परम्पराओ के कारण ही विश्व भर में प्रसिद्ध है
हमारी भक्ति परम्परा हमारी चेतना का प्रतीक है
इसलिए इसे भविष्य की आगे आने वाली पीढ़ी को इस धरोहर के बारे मे ज्ञात करवाना भी अति आवश्यक है
हमारा दायित्व है कि हम सब अपनी परम्परा अपने रीतिरिवाजो की रक्षा करे और आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने का कार्य करे, हमारा साहित्य अद्भुत है ,हिन्दी साहित्य की अनेको रचनात्मक रचना की भी प्रस्तुतीकरण देना भी इसका उद्देश्य है
#हमारी संस्कृति हमारी पहचान
#हमारी श्रध्दा हमारी भक्ति हमारी ताकत
🇮🇳जय हिंद जय भारत 🇮🇳
#poetrywithअक्ष

आप सभी के चेहरे में सदैव मुस्कुराहट सदैव बनी रहे
दोस्तो like share subscribe तो जरूर करना yar😊😊😊😊😊😊❤


@Poetrywithअक्ष

#बालाघाट विधायक #बालाघाट सांसद # बालाघाट नगरपालिका अध्यक्ष @महिलाशक्ति

3 months ago | [YT] | 4

@Poetrywithअक्ष

नशा मुक्त भारत

4 months ago | [YT] | 7

@Poetrywithअक्ष

बस यही आरजू थी की कुछ बाते हो जाए
कुछ गुफ्तगू में राते कट जाए
वक्त को हरगिज ये मंजूर नही की
यारो की यारी मिशाल हो जाए❣️🥰✍️अक्ष

5 months ago | [YT] | 3

@Poetrywithअक्ष

जब सैनिक घर आता हैं

हर समय की दास्तान में ही जानता हुँ
बैचेनी,तड़प, हलचल बखूबी पह‌चानता हुँ

माँ की चिन्ता, पता है मुझे
इसलिए जब भी आता हूँ, हँसता ही रहता हुँ

पिता के हाथों की नसें देखी है
इसलिए तो जख्म छुपा देता हूँ

हैं मोहब्बत मुझे भी इसलिए
जब भी आता हुँ घंटो बाते करता हुँ

दिन ढलता है शाम होती है
और जब जाने की बारी आती है तों
सब कुछ समेटे
सरहद पर चले जाता हूँ

और जब सरहद पर होता हुँ

करता हुँ अनगिनत बाते सरहद सें
बखूबी समझती है मेरी तड़प बैचेनी हलचल को

बन जाती है मेरी हमराह, मेरा प्यार,
मेरा वजूद, मेरी आत्मा, मेरा सब कुछ

जिसके लिए मैं अपना सब कुछ छोड़कर
तेजी से दौड़े आता हूँ

और ख्वाहिश करता
कि कफन तिरंगा लिपट जाए
और मेरी सांसे सरहद मे सिमट जाए

एक कोशिश उनके अन्तर्मन को समझने की जो सब कुछ छोड़कर बैठे है हमारे लिए 🇮🇳🇮🇳🇮🇳😊हमारे सिपाही


रेणुका (अक्ष)

5 months ago | [YT] | 4

@Poetrywithअक्ष

कर दिया दान , मतदान

6 months ago | [YT] | 6

@Poetrywithअक्ष

मेरा वोट मेरी ताकत 😊🙏

6 months ago | [YT] | 11