This channel is about Astrology, Palmistry, Vaastu, Mantra Vigyan and Dharma. Videos are about tutorials on Astrology as well as predictions on social events, both current and future. I do provide personal horoscope readings too. website is www.piousastro.com
Hi, my name is Jay. I am web developer by profession. I am also a MBA and yoga and naturopathy healer and story writer. i have published 4 book yet on amazon by Indus.network .
I started Astrology when i was 14 yares old. I have learnt and practiced Palmistry, Nadi Astrology and Yoga, astrology, ज्योतिष, astrology signs, vedic astrology, ज्योतिष संकेत, vastu, वास्तु, plamestory, हस्तरेखा, गोचर, transit, aaj ka rashifal, ratn vigyan, mantra, mantro ke labh,


Pious Astro

*ॐ श्री गणेशाय नमः*
🙏
*हर हर महादेव शिव शंभू*
🙏🏻
*शम शनिश्चराय नमः*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 25 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - माघ (गुजरात-महाराष्ट्र पौष)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - एकादशी रात्रि 08:31 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र - ज्येष्ठा पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *योग - ध्रुव 26 जनवरी प्रातः 04:38 तक तत्पश्चात व्याघात*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 10:04 से सुबह 11:28 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:19*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:23*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - षटतिला एकादशी*

💥 *विशेष- हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l    राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*

💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*

💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*

💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*

🌞

🌷 *षट्तिला एकादशी* 🌷

➡️ *25 जनवरी 2025 शनिवार को षट्तिला एकादशी है।*

🙏🏻 *इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन तिल का उपयोग 6 कामों में करने का विधान है। ये 6 काम इस प्रकार हैं-*

🌷 *तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।*
*तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।*

🙏🏻 *अर्थात- इस दिन तिलों के जल से स्नान, तिल का उबटन, तिल से हवन, तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन तथा तिल का दान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है।*

👉🏻 *तिल का इन 6 कामों में करें उपयोग, होंगे ये फायदे*

1⃣ *तिल मिले जल से स्नान*
*ठंड के मौसम में त्वचा रुखी हो जाती है। तिल मिले पानी से स्नान करने से त्वचा चमकदार व कोमल हो जाती है।*

2⃣ *तिल का उबटन*
*तिल का उबटन लगाने से त्वचा संबंधी रोग अपने आप ही समाप्त हो जाते हैं।*

3⃣ *तिल मिला जल पीना*
*तिल मिला पानी पीने से पाचन तंत्र व्यवस्थित होता है। अनिद्रा में भी राहत मिलती है।*

4⃣ *तिल का भोजन*
*ठंड के मौसम में तिल से बनी चीजें खाने से शरीर को पर्याप्त गर्मी व ऊर्जा मिलती है।*

5⃣ *तिल का दान*
*तिल का दान करने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु अपने भक्त पर प्रसन्न होते हैं।*

6⃣ *तिल का हवन*
*तिल का हवन करने पर वायुमंडल सुगंधित होता हैं।*

💥 *विशेष - सूर्यास्त के बाद कोई भी तिलयुक्त पदार्थ नहीं खाना चाहिए।(मनु स्मृतिः 4.75)*

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🌷 *षट्तिला एकादशी* 🌷

👉🏻 *षट्तिला एकादशी के दिन | स्नान, उबटन जिसमे तिल पड़ा हो | तिल डाला हुआ पानी लेना, तिल मिश्रित भोजन करना, तिल का दान करना, तिल का होम करना ये पापनाशक प्रयोग है |*

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🌷 *षटतिला एकादशी* 🌷

➡ *इन 6 कामों में करें तिल का उपयोग*

🙏🏻 *षटतिला एकादशी व्रत मेंg तिल का छ: रूपों में उपयोग करना उत्तम फलदाई माना जाता है। जो व्यक्ति जितने रूपों में तिल का उपयोग तथा दान करता है, उसे उतने हजार वर्ष तक स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी पर 6 प्रकार से तिल के उपयोग तथा दान की बात कही है, वह इस प्रकार है-*

🌷 *तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।*
*तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।*

➡ *अर्थात- इस दिन तिलों के जल से स्नान, तिल का उबटन, तिल से हवन, तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन तथा तिल का दान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन हमें पद्मपुराण के ही एक अंश का श्रवण और ध्यान करना चाहिए। इस दिन काले तिल व काली गाय दान करने का विशेष महत्व है।*
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🌞
बोलो
*जय सियाराम वीर संकट मोचन हनुमान*
🙏
*श्री राधे-राधे श्याम*
🙏

2 days ago | [YT] | 53

Pious Astro

*श्री गणेशाय नमः*
🙏🏻
*ॐ विष्णवे नमः*
🙏🏻
🌞
*वैदिक पंचांग*
🌞
🌤️ *दिनांक - 16 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - गुरूवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - माघ (गुजरात-महाराष्ट्र पौष)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - तृतीया 17 जनवरी प्रातः 04:06 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र - अश्लेशा सुबह 11:16 तक तत्पश्चात मघा*
🌤️ *योग - आयुष्मान 16 जनवरी रात्रि 01:06 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
🌤️ *राहुकाल - दोपहर 02:11 से शाम 03:34 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:19*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:17*
👉 *दिशाशूल - दक्षिण दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष- तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *माघ कृष्ण चतुर्थी / संकष्टी चतुर्थी / संकट चौथ* 🌷

➡ *17 जनवरी 2025 शुक्रवार को माघ कृष्ण चतुर्थी, संकट चौथ, संकष्टी चतुर्थी का त्यौहार है। इस चतुर्थी को 'माघी कृष्ण चतुर्थी', 'तिलचौथ', ‘वक्रतुण्डी चतुर्थी’ भी कहा जाता है।*

🙏🏻 *इस दिन गणेश भगवान तथा संकट माता की पूजा का विधान है। संकष्ट का अर्थ है 'कष्ट या विपत्ति', 'कष्ट' का अर्थ है 'क्लेश', सम् उसके आधिक्य का द्योतक है। आज किसी भी प्रकार के संकट, कष्ट का निवारण संभव है। आज के दिन व्रत रखा जाता है। इस व्रत का आरम्भ ' गणपतिप्रीतये संकष्टचतुर्थीव्रतं करिष्ये ' - इस प्रकार संकल्प करके करें । सायंकालमें गणेशजी का और चंद्रोदय के समय चंद्र का पूजन करके अर्घ्य दें।*
*'गणेशाय नमस्तुभ्यं सर्वसिद्धि प्रदायक।*
*संकष्टहर में देव गृहाणर्धं नमोस्तुते।*
*कृष्णपक्षे चतुर्थ्यां तु सम्पूजित विधूदये।*
*क्षिप्रं प्रसीद देवेश गृहार्धं नमोस्तुते।'*

🙏🏻 *नारदपुराण, पूर्वभाग अध्याय 113 में संकष्टीचतुर्थी व्रत का वर्णन इस प्रकार मिलता है।*
*माघकृष्णचतुर्थ्यां तु संकष्टव्रतमुच्यते । तत्रोपवासं संकल्प्य व्रती नियमपूर्वकम् ।। ११३-७२ ।।*
*चंद्रोदयमभिव्याप्य तिष्ठेत्प्रयतमानसः । ततश्चंद्रोदये प्राप्ते मृन्मयं गणनायकम् ।। ११३-७३ ।।*
*विधाय विन्यसेत्पीठे सायुधं च सवाहनम् । उपचारैः षोडशभिः समभ्यर्च्य विधानतः ।। ११३-७४ ।।*
*मोदकं चापि नैवेद्यं सगुडं तिलकुट्टकम् । ततोऽर्घ्यं ताम्रजे पात्रे रक्तचंदनमिश्रितम् ।। ११३-७५ ।।*
*सकुशं च सदूर्वं च पुष्पाक्षतसमन्वितम् । सशमीपत्रदधि च कृत्वा चंद्राय दापयेत् ।। ११३-७६ ।।*
*गगनार्णवमाणिक्य चंद्र दाक्षायणीपते । गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक ।। ११३-७७ ।।*
*एवं दत्त्वा गणेशाय दिव्यार्घ्यं पापनाशनम् । शक्त्या संभोज्य विप्राग्र्यान्स्वयं भुंजीत चाज्ञया ।। ११३-७८ ।।*
*एवं कृत्वा व्रतं विप्र संकष्टाख्यं शूभावहम् । समृद्धो धनधान्यैः स्यान्न च संकष्टमाप्नुयात् ।। ११३-७९ ।।*

🙏🏻 *माघ कृष्ण चतुर्थी को ‘संकष्टवव्रत’ बतलाया जाता है। उसमें उपवास का संकल्प लेकर व्रती सबेरे से चंद्रोदयकाल तक नियमपूर्वक रहे। मन को काबू में रखे। चंद्रोदय होने पर मिट्टी की गणेशमूर्ति बनाकर उसे पीढ़े पर स्थापित करे। गणेशजी के साथ उनके आयुध और वाहन भी होने चाहिए। मिटटी में गणेशजी की स्थापना करके षोडशोपचार से विधिपूर्वक उनका पूजन करें । फिर मोदक तथा गुड़ से बने हुए तिल के लडडू का नैवेद्य अर्पण करें।*
*तत्पश्चात्‌ तांबे के पात्र में लाल चन्दन, कुश, दूर्वा, फूल, अक्षत, शमीपत्र, दधि और जल एकत्र करके निम्नांकित मंत्र का उच्चारण करते हुए उन्हें चन्द्रमा को अर्घ्य दें -*
*गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।*
*गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥*
*'गगन रूपी समुद्र के माणिक्य, दक्ष कन्या रोहिणी के प्रियतम और गणेश के प्रतिरूप चन्द्रमा! आप मेरा दिया हुआ यह अर्घ्य स्वीकार कीजिए।’*
*इस प्रकार गणेश जी को यह दिव्य तथा पापनाशन अर्घ्य देकर यथाशक्ति उत्तम ब्राह्मणों को भोजन कराने के पश्च्यात स्वयं भी उनकी आज्ञा लेकर भोजन करें। ब्रह्मन ! इस प्रकार कल्याणकारी ‘संकष्टवव्रत’ का पालन करके मनुष्य धन-धान्य से संपन्न होता है। वह कभी कष्ट में नहीं पड़ता।*

🙏🏻 *लक्ष्मीनारायणसंहिता में भी कुछ इसी प्रकार वर्णन मिलता है ।*
*माघकृष्णचतुर्थ्यां तु संकष्टहारकं व्रतम् ।*
*उपवासं प्रकुर्वीत वीक्ष्य चन्द्रोदयं ततः ।। १२८ ।।*
*मृदा कृत्वा गणेशं सायुधं सवाहनं शुभम् ।*
*पीठे न्यस्य च तं षोडशोपचारैः प्रपूजयेत् ।। १२९ ।।*
*मोदकाँस्तिलचूर्णं च सशर्करं निवेदयेत् ।*
*अर्घ्यं दद्यात्ताम्रपात्रे रक्तचन्दनमिश्रितम् ।। १३० ।।*
*कुशान् दूर्वाः कुसुमान्यक्षतान् शमीदलान् दधि ।*
*दद्यादर्घ्यं ततो विसर्जनं कुर्यादथ व्रती ।। १३१ ।।*
*भोजयेद् भूसुरान् साधून् साध्वीश्च बालबालिकाः ।*
*व्रती च पारणां कुर्याद् दद्याद्दानानि भावतः ।। १३२ ।।*
*एवं कृत्वा व्रतं स्मृद्धः संकटं नैव चाप्नुयात् ।*
*धनधान्यसुतापुत्रप्रपौत्रादियुतो भवेत् ।। १३३ ।।*

➡ *भविष्यपुराण में भी इस व्रत का वर्णन मिलता है ।*

👉🏻 *आज के दिन क्या करें*

➡ *१. गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ अत्यन्त शुभकारी होगा ।*

➡ *२. गणेश भगवान को दूध (कच्चा), पंचामृत, गंगाजल से स्नान कराकर, पुष्प, वस्त्र आदि समर्पित करके तिल तथा गुड़ के लड्डू, दूर्वा का भोग जरूर लगायें। लड्डू की संख्या 11 या 21 रखें। गणेश जी को मोदक (लड्डू), दूर्वा घास तथा लाल रंग के पुष्प अति प्रिय हैं । गणेश अथर्वशीर्ष में कहा गया है "यो दूर्वांकुरैंर्यजति स वैश्रवणोपमो भवति" अर्थात जो दूर्वांकुर के द्वारा भगवान गणपति का पूजन करता है वह कुबेर के समान हो जाता है। "यो मोदकसहस्रेण यजति स वाञ्छित फलमवाप्रोति" अर्थात जो सहस्र (हजार) लड्डुओं (मोदकों) द्वारा पूजन करता है, वह वांछित फल को प्राप्त करता है।*

➡ *३. आज गणपति के 12 नाम या 21 नाम या 101 नाम से पूजा करें ।*

➡ *४. शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्ष के। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्ष तक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*

➡ *५. किसी भी समस्या के समाधान के लिए आज संकट नाशन गणेश स्तोत्र के 11 पाठ करें।*

🌞
🚩🚩 *" ll जय श्री राम ll "* 🚩🚩
*संकट मोचन हनुमान*
बोलो
*जय सियाराम*
🙏
*श्री राधे-राधे श्याम*🙏

1 week ago | [YT] | 65

Pious Astro

*ॐ श्री गणेशाय नमः*
🙏🏻
*श्री हनुमते नमो नमः*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 14 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - माघ (गुजरात-महाराष्ट्र पौष)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - प्रतिपदा 15 जनवरी रात्रि 03:21 तक तत्पश्चात द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र - पुनर्वसु सुबह 10:17 तक तत्पश्चात पुष्य*
🌤️ *योग - विष्कंभ 15 जनवरी रात्रि 02:59 तक तत्पश्चात प्रीति*
🌤️ *राहुकाल - शाम 03:33 से शाम 04:55 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:19*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:15*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - मकर संक्रांति (पुण्यकाल: सुबह 09:03 से सूर्यास्त तक), उत्तरायण,महाकुंभ प्रयाग का प्रथम प्रमुख शाही स्नान,ऋषि दर्शन जयंती,पोंगल,धनुर्मास समाप्त*

💥 *विशेष- प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *माघ मास* 🌷

*माघ मास में जप, होम, दान - ये तीन पुण्यकर्म विशेष हैं। (पद्म पुराण)*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *मकर संक्रांति* 🌷

➡️ *14 जनवरी 2025 मंगलवार को (पुण्यकाल सुबह 09:03 से सूर्यास्त तक मकर संक्राति है।*

🌷 *नारद पुराण के अनुसार*

🌞 *सूर्य के मकर राशिपर रहते समय जहाँ कहीं भी गंगा में स्नान किया जाय , वह स्नान आदि के द्वारा सम्पूर्ण जगत्‌‍ को पवित्र करती और अन्त में इन्द्रलोक पहुँचाती है।*

🌷 *पद्मपुराण के सृष्टि खंड अनुसार मकर संक्रांति में स्नान करना चाहिए। इससे दस हजार गोदान का फल प्राप्त होता है। उस समय किया हुआ तर्पण, दान और देवपूजन अक्षय होता है।*

🌷 *गरुड़पुराण के अनुसार मकर संक्रान्ति, चन्द्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण के अवसर पर गयातीर्थ में जाकर पिंडदान करना तीनों लोकों में दुर्लभ है।*

👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन लक्ष्मी प्राप्ति व रोग नाश के लिए गोरस (दूध, दही, घी) से भगवान सूर्य, विपत्ति तथा शत्रु नाश के लिए तिल-गुड़ से भगवान शिव, यश-सम्मान एवं ज्ञान, विद्या आदि प्राप्ति के लिए वस्त्र से देवगुरु बृहस्पति की पूजा महापुण्यकाल / पुण्यकाल में करनी चाहिए।*

👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन तिल (सफ़ेद तथा काले दोनों) का प्रयोग तथा तिल का दान विशेष लाभकारी है। विशेषतः तिल तथा गुड़ से बने मीठे पदार्थ जैसे की रेवड़ी, गजक आदि। सुबह नहाने वाले जल में भी तिल मिला लेने चाहिए।*

🌷 *विष्णु पुराण, द्वितीयांशः अध्यायः 8 के अनुसार*
*कर्कटावस्थिते भानौ दक्षिणायनमुच्यते । उत्तरायणम्प्युक्तं मकरस्थे दिवाकरे ।।*

🌞 *सूर्य के ‪‎कर्क‬ राशि में उपस्थित होने पर ‪‎दक्षिणायन‬ कहा जाता है और उसके ‪मकर ‬राशि पर आने से ‪उत्तरायण‬ कहलाता हैछ ॥*

🌷 *धर्मसिन्धु के अनुसार*
*तिलतैलेन दीपाश्च देया: शिवगृहे शुभा:। सतिलैस्तण्डुलैर्देवं पूजयेद्विधिवद् द्विजम्।। तस्यां कृष्ण तिलै: स्नानं कार्ये चोद्वर्त्नम तिलै: . तिला देवाश्च होतव्या भक्ष्याश्चैवोत्तरायणे*

👉🏻 *उत्तरायण के दिन तिलों के तेल के दीपक से शिवमंदिर में प्रकाश करना चाहिए , तिलों सहित चावलों से विधिपूर्वक शिव पूजन करना चाहिए. ये भी बताया है की उत्तरायण में तिलों सेठ उबटन, काले तिलों से स्नान, तिलों का दान, होम तथा भक्षण करना चाहिए .*

🌞 *अत्र शंभौ घृताभिषेको महाफलः . वस्त्रदानं महाफलं*

👉🏻 *मकर संक्रांति के दिन महादेव जी को घृत से अभिषेक (स्नान) कराने से महाफल होता है . गरीबों को वस्त्रदान से महाफल होता है .*

🌞 *अत्र क्षीरेण भास्करं स्नानपयेव्सूर्यलोकप्राप्तिः*

👉🏻 *इस संक्रांति को दूध से सूर्य को स्नान करावै तो सूर्यलोक की प्राप्ति होती है .*

🌷 *नारद पुराण के अनुसार “क्षीराद्यैः स्नापयेद्यस्तु रविसंक्रमणे हरिम् । स वसेद्विष्णुसदने त्रिसप्तपुरुषैः सह ।।”*

🌞 *जो सूर्यकी संक्रान्तिके दिन दूध आदिसे श्रीहरिको नहलाता है , वह इक्कीस पीढ़ियोंके साथ विष्णुलोक में वास करता है।*


🌞
बोलो
*जय सियाराम संकट मोचन हनुमान*
🙏
*श्री राधे-राधे श्याम*
🙏

1 week ago | [YT] | 65

Pious Astro

*ॐ सूर्यो देवाय नमः*
🙏🏻

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 12 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - पौष*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - चतुर्दशी 13 जनवरी प्रातः 05:03 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
🌤️ *नक्षत्र - मृगशिरा सुबह 11:24 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
🌤️ *योग - ब्रह्म सुबह 09:21 तक तत्पश्चात इन्द्र*
🌤️ *राहुकाल - शाम 04:54 से शाम 06:16 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:19*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:14*
👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - चतुर्दशी- आर्द्रा नक्षत्र योग (दोपहर 11:24 से 13 जनवरी प्रातः 05:03 तक) (ॐ कार जप अक्षय फलदायी),राष्ट्रीय युवा दिवस*

💥 *विशेष-  चतुर्दशी, पूर्णिमा, रविवार एवं व्रत के दिन स्त्री- सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *व्रत पूर्णिमा, माघ स्नान आरंभ* 🌷

➡️ *13 जनवरी 2025 सोमवार को व्रत पूर्णिमा, माघ स्नान आरंभ।*
*माघ मास में जप, होम, दान - ये तीन पुण्यकर्म विशेष हैं। - पद्म पुराण*

🙏🏻 *ऋषि प्रसाद - दिसम्बर 2024*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *उत्तरायण विशेष* 🌷

➡️ *14 जनवरी 2025 मंगलवार को (पुण्यकाल सुबह 09:03 से सूर्यास्त तक मकर संक्राति (उत्तरायण) है।*

🙏🏻 *जिनके जीवन में अर्थ का अभाव... पैसों की तंगी बहुत देखनी पड़ती है जिनको कोई बहुत परेशान कर रहा है जिनके शरीर में रोग रहते हैं ..मिटते नहीं हैं उन सभी के लिए ये योग बहुत सुन्दर है क्या करें ?*

🙏🏻 *तपस्या कर सकें तो बहुत अच्छा है .. नमक -मिर्च नहीं खाना उस दिन आदित्यह्रदय स्त्रोत्र का पाठ भी जरुर करें ..जितना हो सके १/२/३ बार... जो आप चाहते हैं ...सुबह स्नान आदि करके श्वास गहरा लेके रोकना ..गायत्री मंत्र बोलना, संकल्प करना ..."हम ये चाहते हैं प्रभु !...ऐसा हो .." फिर श्वास छोड़ना ... ऐसा ३ बार जरुर करें फिर अपना गुरु मंत्र का जप करें और सूर्य भगवन को अर्घ दें तो ये २१ मंत्र बोलें*

🌷 *ॐ सूर्याय नमः*
🌷 *ॐ रवये नमः*
🌷 *ॐ भानवे नमः*
🌷 *ॐ आदित्याय नमः*
🌷 *ॐ मार्तण्डाय नमः*
🌷 *ॐ भास्कराय नमः*
🌷 *ॐ दिनकराय नमः*
🌷 *ॐ दिवाकराय नमः*
🌷 *ॐ मरिचये नमः*
🌷 *ॐ हिरणगर्भाय नमः*
🌷 *ॐ गभस्तिभीः नमः*
🌷 *ॐ तेजस्विनाय नमः*
🌷 *ॐ सहस्त्रकिरणाय नमः*
🌷 *ॐ सहस्त्ररश्मिभिः नमः*
🌷 *ॐ मित्राय नमः*
🌷 *ॐ खगाय नमः*
🌷 *ॐ पूष्णे नमः*
🌷 *ॐ अर्काय नमः*
🌷 *ॐ प्रभाकराय नमः*
🌷 *ॐ कश्यपाय नमः*
🌷 *ॐ श्री सवितृ सूर्य नारायणाय नमः*

🙏🏻 *पौराणिक सूर्य भगवान की स्तुति का मंत्र अर्घ देने से पहले बोले :-*

🌷 *"जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।"*

🙏🏻 *गाय को कुछ घास आदि डाल दें


🌞
*राधे-राधे श्याम*
🙏

2 weeks ago | [YT] | 51

Pious Astro

🙏🏻हर हर महादेव 🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक - 11 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - पौष*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - द्वादशी सुबह 08:21 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
🌤️ *नक्षत्र - रोहिणी दोपहर 12:29 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
🌤️ *योग - शुक्ल दोपहर 11:49 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 10:03 से सुबह 11:25 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:19*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:13*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - शनिप्रदोष व्रत,त्रयोदशी क्षय तिथि*
💥 *विशेष-  द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *प्रणव’ (ॐ) की महिमा (चतुर्दशी आर्द्रा नक्षत्र योग : 12 जनवरी 2025 रविवार को दोपहर 11:24 से 13 जनवरी प्रात: 05:03 तक*
🙏🏻 *सूतजी ने ऋषियों से कहा : “महर्षियों ! ‘प्र’ नाम है प्रकृति से उत्पन्न संसाररूपी महासागर का | प्रणव इससे पार करने के लिए (नव) नाव है | इसलिए इस ॐकार को ‘प्रणव’ की संज्ञा देते हैं | ॐकार अपना जप करनेवाले साधकों से कहता है – ‘प्र –प्रपंच, न – नहीं है, व: - तुम लोगों के लिए |’ अत: इस भाव को लेकर भी ज्ञानी पुरुष ‘ॐ’ को ‘प्रणव’ नाम से जानते हैं | इसका दूसरा भाव है : ‘प्र – प्रकर्षेण, न – नयेत, व: -युष्मान मोक्षम इति वा प्रणव: | अर्थात यह तुम सब उपासकों को बलपूर्वक मोक्ष तक पहुँचा देगा|’ इस अभिप्राय से भी ऋषि-मुनि इसे ‘प्रणव’ कहते हैं | अपना जप करनेवाले योगियों के तथा अपने मंत्र की पूजा करनेवाले उपासको के समस्त कर्मो का नाश करके यह उन्हें दिव्य नूतन ज्ञान देता है, इसलिए भी इसका नाम प्रणव – प्र (कर्मक्षयपूर्वक) नव (नूतन ज्ञान देनेवाला) है |*
🙏🏻 *इस मायारहित महेश्वर को ही नव अर्थात नूतन कहते हैं | वे परमात्मा प्रधान रूप से नव अर्थात शुद्धस्वरुप है, इसलिए ‘प्रणव’ कहलाते हैं | प्रणव साधक को नव अर्थात नवीन (शिवस्वरूप) कर देता है, इसलिए भी विद्वान पुरुष इसे प्रणव के नाम से जानते हैं अथवा प्र – प्रमुख रूप से नव – दिव्य परमात्म – ज्ञान प्रकट करता है, इसलिए यह प्रणव है |*
🙏🏻 *यध्यपि जीवन्मुक्त के लिए किसी साधन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह सिद्धरुप है, तथापि दूसरों की दृष्टि में जब तक उसका शरीर रहता है,तब तक उसके द्वारा प्रणव – जप की सहज साधना स्वत: होती रहती है | वह अपनी देह का विलय होने तक सूक्ष्म प्रणव मंत्र का जप और उसके अर्थभूत परमात्म-तत्त्व का अनुसंधान करता रहता है | जो अर्थ का अनुसंधान करके केवल मंत्र का जप करता है, उसे निश्चय ही योग की प्राप्ति होती है | जिसने इस मंत्र का ३६ करोड़ जप कर लिया हो, उसे अवश्य ही योग प्राप्त हो जाता है | ‘अ’ शिव है, ‘उ’ शक्ति है और ‘मकार’ इन दोनों की एकता यह त्रितत्त्वरूप है, ऐसा समझकर ‘ह्रस्व प्रणव’ का जप करना चाहिए | जो अपने समस्त पापों का क्षय करना चाहते हैं, उनके लिए इस ह्रस्व प्रणव का जप अत्यंत आवश्यक है |*
🙏🏻 *वेद के आदि में और दोनों संध्याओं की उपासना के समय भी ॐकार का उच्चारण करना चाहिए | भगवान शिव ने भगवान ब्रम्हाजी और भगवान विष्णु से कहा : “मैंने पूर्वकाल में अपने स्वरूपभूत मंत्र का उपदेश किया है, जो ॐकार के रूप में प्रसिद्ध है | वह महामंगलकारी मंत्र है | सबसे पहले मेरे मुख से ॐकार ( ॐ ) प्रकट हुआ, जो मेरे स्वरूप का बोध करानेवाला है | ॐकार वाचक है और मैं वाच्य हूँ | यह मंत्र मेरा स्वरुप ही है | प्रतिदिन ॐकार का निरंतर स्मरण करने से मेरा ही सदा स्मरण होता है |*
🙏🏻 *मुनीश्वरो ! प्रतिदिन दस हजार प्रणवमंत्र का जप करें अथवा दोनों संध्याओं के समय एक-एक हजार प्रणव का जप किया करें | यह क्रम भी शिवप्रद की प्राप्ति करानेवाला है |*
🙏🏻 *‘ॐ’ इस मंत्र का प्रतिदिन मात्र एक हजार जप करने पर सम्पूर्ण मनोरथों की सिद्धि होती है |*
🙏🏻 *प्रणव के ‘अ’ , ‘उ’ और ‘म’ इन तीनों अक्षरों से जीव और ब्रम्ह की एकता का प्रतिपादन होता है – इस बात को जानकर प्रणव ( ॐ ) का जप करना चाहिए | जपकाल में यह भावना करनी चाहिए कि ‘हम तीनों लोकों की सृष्टि करनेवाले ब्रम्हा, पालन करनेवाले विष्णु तथा संहार करनेवाले रुद्र जो स्वयंप्रकाश चिन्मय हैं, उनकी उपसना करते हैं | यह ब्रम्हस्वरूप ॐकार हमारी कर्मन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों की वृत्तियों को, मन की वृत्तियों को तथा बुद्धि की वृत्तियों को सदा भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले धर्म एवं ज्ञान की ओर प्रेरित करें | प्रणव के इस अर्थ का बुद्धि के द्वारा चिंतन करता हुआ जो इसका जप करता है, वह निश्चय ही ब्रम्ह को प्राप्त कर लेता है | अथवा अर्थानुसंधान के बिना भी प्रणव का नित्य जप करना चाहिए |* 🙏🏻 *(‘शिव पुराण’ अंतर्गत विद्धेश्वर संहिता से संकलित)*
👉🏻 *भिन्न-भिन्न काल में ‘ॐ’ की महिमा*
➡ *आर्दा नक्षत्र से युक्त चतुर्दशी के योग में (दिनांक 12 जनवरी दोपहर 11:24 से 13 जनवरी प्रात: 05:03 तक प्रणव का जप किया जाय तो वह अक्षय फल देनेवाला होता है |*
🙏🏻


🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷☘🌹🌺💐🌸🌻🌷🙏🏻 जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
दिनांक 11 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा, इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है। आप अत्यधिक भावुक होते हैं। ग्यारह की संख्या आपस में मिलकर दो होती है इस तरह आपका मूलांक दो होगा। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं।

आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में बहुत सफल होते हैं। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप कमजोर हैं।


शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29

शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92

शुभ वर्ष : 2027, 2029, 2036



ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव

शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :

किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी।

2 weeks ago | [YT] | 45

Pious Astro

*ॐ श्री गणेशाय नमः*
🙏
*या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संहिस्था नमस्तेश्याम नमस्तेश्याम नमस्तेश्याम नमस्तेश्याम नमो नमः*
🙏🏻
*हर हर महादेव*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक - 10 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - पौष*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - एकादशी सुबह 10:19 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र - कृत्तिका दोपहर 01:45 तक तत्पश्चात रोहिणी*
🌤️ *योग - शुभ दोपहर 02:37 तक तत्पश्चात शुक्ल*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 11:24 से दोपहर 12:46 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:19*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:13*
👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - पुत्रदा एकादशी*
💥 *विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l    राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*
🌷 *पुत्रदा एकादशी* 🌷
➡️ *09 जनवरी 2025 गुरूवार को दोपहर 12:22 से 10 जनवरी, शुक्रवार को सुबह 10:19 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष - 10 जनवरी 2025 शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *पुत्रदा एकादशी (पुत्रप्राप्ति की इच्छा से इसका व्रत करनेवाला पुत्र पाकर स्वर्ग का अधिकारी भी हो जाता है ।)*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *शनिप्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 11 जनवरी 2025 शनिवार को शनिप्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…*
👉🏻 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 *- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।*
🙏🏻 *- इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।*
🙏🏻 *- पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।*
🙏🏻 *- भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।*
👉🏻 *ये उपाय करें*
*सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।*


🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
पंचक शुरू- 30 जनवरी 2025, बृहस्पतिवार को शाम 6:35 बजे


पंचक खत्म- 3 फरवरी 2025, सोमवार को रात 11:16 बजे

पंचक शुरू- 27 फरवरी 2025, बृहस्पतिवार को शाम 04:37 बजे


पंचक खत्म- 3 मार्च 2025, सोमवार को सुबह 6:39 बजे
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻 जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष

दिनांक 10 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 1 होगा। आप राजसी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। आपको अपने ऊपर किसी का शासन पसंद नहीं है। आप साहसी और जिज्ञासु हैं। आपका मूलांक सूर्य ग्रह के द्वारा संचालित होता है।

आप सौन्दर्यप्रेमी हैं। आपमें सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला आपका आत्मविश्वास है। इसकी वजह से आप सहज ही महफिलों में छा जाते हैं। आप अत्यंत महत्वाकांक्षी हैं। आपकी मानसिक शक्ति प्रबल है। आपको समझ पाना बेहद मुश्किल है। आप आशावादी होने के कारण हर स्थिति का सामना करने में सक्षम होते हैं।


शुभ दिनांक : 1, 10, 20, 28

शुभ अंक : 1, 10, 20, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82

शुभ वर्ष : 2026, 2044, 2053, 2062



ईष्टदेव : सूर्य उपासना तथा मां गायत्री

शुभ रंग : लाल, केसरिया, क्रीम,


जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। पारिवारिक मामलों में महत्वपूर्ण कार्य होंगे। अविवाहितों के लिए सुखद स्थिति बन रही है। विवाह के योग बनेंगे। नौकरीपेशा के लिए समय उत्तम हैं। पदोन्नति के योग हैं। बेरोजगारों के लिए भी खुशखबर है इस वर्ष आपकी मनोकामना पूरी होगी। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद रहेगा। अधूरे कार्यों में सफलता मिलेगी।


🌞
बोलो
*जय सियाराम वीर हनुमान*
🙏
*श्री राधे राधे श्याम*
🙏

2 weeks ago | [YT] | 42

Pious Astro

ॐ श्री गणेशाय नम:
🙏
ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः
🙏🏻
हर हर महादेव
🙏🏻
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞

🌤️ दिनांक - 09 जनवरी 2025
🌤️ दिन - गुरूवार
🌤️ विक्रम संवत - 2081
🌤️ शक संवत -1946
🌤️ अयन - दक्षिणायन
🌤️ ऋतु - शिशिर ॠतु
🌤️ मास - पौष
🌤️ पक्ष - शुक्ल
🌤️ तिथि - दशमी दोपहर 12:22 तक तत्पश्चात एकादशी
🌤️ नक्षत्र - भरणी शाम 03:07 तक तत्पश्चात कृत्तिका
🌤️ योग - साध्य शाम 05:29 तक तत्पश्चात शुभ
🌤️ राहुकाल - दोपहर 02:08 से शाम 03:30 तक
🌤️ सूर्योदय 07:19
🌤️ सूर्यास्त - 06:12
👉 दिशाशूल - दक्षिण दिशा मे
🚩 *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष- 
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷 एकादशी व्रत के लाभ 🌷
➡️ 09 जनवरी 2025 गुरूवार को दोपहर 12:22 से 10 जनवरी, शुक्रवार को सुबह 10:19 तक एकादशी है।
💥 विशेष - 10 जनवरी 2025 शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।
🙏🏻 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🙏🏻 जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🙏🏻 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
🙏🏻 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
🙏🏻 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
🙏🏻 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷 एकादशी के दिन करने योग्य 🌷
🙏🏻 एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l
🙏🏻
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞

🌷 एकादशी के दिन ये सावधानी रहे 🌷
🙏🏻 महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा
🙏🏻


🌞 ~ वैदिक पंचाग ~ 🌞 पंचक शुरू- 30 जनवरी 2025, बृहस्पतिवार को शाम 6:35 बजे


पंचक खत्म- 3 फरवरी 2025, सोमवार को रात 11:16 बजे

पंचक शुरू- 27 फरवरी 2025, बृहस्पतिवार को शाम 04:37 बजे


पंचक खत्म- 3 मार्च 2025, सोमवार को सुबह 6:39 बजे

🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏 जिसका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष

अंक ज्योतिष का सबसे आखरी मूलांक है नौ। आपके जन्मदिन की संख्या भी नौ है। यह मूलांक भूमि पुत्र मंगल के अधिकार में रहता है। आप बेहद साहसी हैं। आपके स्वभाव में एक विशेष प्रकार की तीव्रता पाई जाती है। आप सही मायनो में उत्साह और साहस के प्रतीक हैं। मंगल ग्रहों में सेनापति माना जाता है। अत: आप में स्वाभाविक रूप से नेतृत्त्व की क्षमता पाई जाती है। लेकिन आपको बुद्धिमान नहीं माना जा सकता। मंगल के मूलांक वाले चालाक और चंचल भी होते हैं। आपको लड़ाई-झगड़ों में भी विशेष आनंद आता है। आपको विचित्र साहसिक व्यक्ति कहा जा सकता है।

शुभ दिनांक : 9, 18, 27

शुभ अंक : 1, 2, 5, 9, 27, 72

शुभ वर्ष : 2025, 2036, 2045

ईष्टदेव : हनुमान जी, मां दुर्गा।


शुभ रंग : लाल, केसरिया, पीला

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
अपनी शक्ति का सदुपयोग कर प्रगति की और अग्रसर होंगे। पारिवारिक विवाद सुलझेंगे। महत्वपूर्ण कार्य योजनाओं में सफलता मिलेगी। अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संभव है। नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी। स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। राजनैतिक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकते हैं। मित्रों स्वजनों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी।

2 weeks ago | [YT] | 46

Pious Astro

*ॐ श्री गणेशाय नमः*
🙏🏻
*हर हर महादेव*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक - 08 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - पौष*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - नवमी दोपहर 02:25 तक तत्पश्चात दशमी*
🌤️ *नक्षत्र - अश्विनी शाम 04:29 तक तत्पश्चात भरणी*
🌤️ *योग - सिद्ध रात्रि 08:23 तक तत्पश्चात साध्य*
🌤️ *राहुकाल - दोपहर 12:46 से दोपहर 02:07 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:19*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:11*
👉 *दिशाशूल - उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष-  नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *5 आयु-आरोग्यवर्धक चीजें एवं 5 आयुनाशक चीजें* 🌷
👉🏻 5️⃣ *चीजों से आयुष्य और आरोग्य बढ़ता है*
➡ *1 संयम : पति – पत्नी हैं फिर भी अलग रहें, थोडा संयम से रहें |*
➡ *2 उपवास : १५ दिन में एक उपवास करें |*
➡ *3 सूर्यकिरणों का सेवन : रोज सुबह सिर को ढककर शरीर पर कम-से-कम वस्त्र धारण करके ८ मिनट सूर्य की ओर मुख व १० मिनट पीठ करके बैठे | सूर्य से आँखें न लडाये |*
➡ *4 प्राणायाम : प्रात:काल ३ से ५ बजे के बीच प्राणायाम करना विशेष लाभकारी है | यह समय प्राणायाम द्वारा प्राणशक्ति, मन:शक्ति, बुद्धिशक्ति विकसित करने हेतु बेजोड़ है |*
➡ *5 मंत्रजप :मंत्रजप से आयुष्य, आरोग्य बढ़ता है और भाग्य निखरता है |*
👉🏻 *इन 5️⃣ कारणों से आयुष्य नष्ट होता है*
1️⃣ *अति शरीरिक परिश्रम*
2️⃣ *भय*
3️⃣ *चिंता*
4️⃣ *कामविकार का अधिक भोग*
5️⃣ *अंग्रेजी दवाइयाँ, कैप्सूल, इंजेक्शन, ऑपरेशन आदि की गुलामी*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *मणिपुर केन्द्र कैसे विकसित करें* 🌷
🌞 *सूर्य को अर्घ्य देते समय नाभि में सूर्य का ध्यान कराने से मणिपुर केन्द्र ( ७ केन्द्रों का तीसरा केन्द्र) विकसित होगा। जीवनी शक्ति में लाभ होगा |*
🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌷 *सफ़ेद दाग का ईलाज* 🌷
👉🏻 *सबसे पहली बात विरुद्ध आहार छोड़ दो ( सब्जी-रोटी खाये और ऊपर से थोड़ी देर बाद दूध पी लिया, दूध पिया है फिर थोड़ी देर बाद कुछ खा लिया नमक मिर्च वाला ) ..... सफेद दाग हो वे .... एक मुट्ठी काले चने, 125 मिली पानी में डाल दे सुबह 8-9 बजे डाल दे.... उसमे 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण डाल दे, 24 घंटे वो पड़ा रहे ...ढक के रह दे ... 24 घंटे बाद वो छाने जितना खा सके चबाकर के खाये.... सफ़ेद दाग जल्दी मिटेंगें और होमियोपैथीक दवा लें, सफ़ेद दाग होमियोपैथी से जल्दी मिटे है |*
🙏🏻


🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष

दिनांक 8 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अदभुत शक्तियों के मालिक हैं। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है।

शुभ दिनांक : 8, 17, 26

शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44

शुभ वर्ष : 2042

ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता


शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति प्रगति पाएंगे। बेरोजगार प्रयास करें, तो रोजगार पाने में सफल होंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। जो अभी तक बाधित रहे है वे भी सफल होंगे। राजनैतिक व्यक्ति भी समय का सदुपयोग कर लाभान्वित होंगे। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे, स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल ही रहेगा

🌞
बोलो
*जय वीर बजरंगी हनुमान*
🙏
*श्री राधे राधे श्याम*
🙏

2 weeks ago | [YT] | 39

Pious Astro

*ॐ श्री गणेशाय नमः*
🙏🏻
*ॐ सूर्यो देवाय नमः*
🙏🏻

‌🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 05 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - पौष*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - षष्ठी रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात सप्तमी*
🌤️ *नक्षत्र - पूर्वभाद्रपद रात्रि 08:18 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद*
🌤️ *योग - व्यतीपात सुबह 07:32 तक तत्पश्चात वरीयान*
🌤️ *राहुकाल - शाम 04:49 से शाम 06:11 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:18*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:09*
👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - पंचक*
💥 *विशेष-  षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*💥 रविवार के दिन स्त्री- सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*



🌷 *घर का मुखिया* 🌷

👴🏻 *घर का मुखिया अगर दक्षिण -पश्चिम के कमरे में रहता हो तो घर सुखी रहता है |*


🌷 *सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना* 🌷

👉🏻 *रात को भिगोयी हुई १ चम्मच उड़द की दाल सुबह महीन पीसकर उसमें २ चम्मच शुद्ध शहद मिलाके चाटें | १ - १.३० घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें | पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है |*

👉🏻 *दूध के साथ शतावरी का २ – ३ ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं | यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं |*

👉🏻 *रात को भिगोयी हुई ५ – ७ खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है |*

👉🏻 *रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है |*

👉🏻 *आँवला चूर्ण, घी तथा शहद समान मात्रा में मिलाकर रख लें | रोज सुबह एक चम्मच खाने से शरीर का बल, नेत्रज्योति, वीर्य तथा कांति में वृद्धि होती है | हड्डियाँ मजबूत बनती हैं |*

👉🏻 *१०० ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को २० ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें | सुबह ३ ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है |*

👉🏻 *शक्तिवर्धक खीर : ३ चम्मच गेहूँ का दलिया व २ चम्मच खसखस रात को पानी में भिगो दें | प्रात: इसमें दूध और मिश्री डालकर पकायें | आवश्यकता अनुसार मात्रा घटा-बढ़ा सकते हैं | यह खीर शक्तिवर्धक है |*

👉🏻 *हड्डी जोडनेवाला हलवा : गेहूँ के आटे में गुड व ५ ग्राम बला चूर्ण डालके बनाया गया हलवा (शीरा) खाने से टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है | दर्द में भी आराम होता है |*

👉🏻 *सर्दियों में हरी अथवा सूखी मेथी का सेवन करने से शरीर के ८० प्रकार के वायु-रोगों में लाभ होता है |*

👉🏻 *सब प्रकार के उदर-रोगों में मट्ठे और देशी गाय के मूत्र का सेवन अति लाभदायक है | (गोमूत्र न मिल पाये तो गोझरण अर्क का उपयोग कर सकते हैं |*
🌷 *नारियल के पानी से वायु होता हो तो* 🌷

➡ *नारियल का पानी गुनगुना करके पियो, उसमे जरा-सा नमक, जरा-सा एक कालीमिर्च का पाऊडर मिलाके लें | वो नारियल का वायु काट देगा |*


🌞
बोलो
*जय सियाराम*
🙏
*श्री राधे-राधे श्याम*
🙏

3 weeks ago | [YT] | 64

Pious Astro

*ॐ श्री गणेशाय नमः*
🙏🏻
*शम शनिश्चराय नमः*
🙏
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक - 04 जनवरी 2025*
🌤️ *दिन - शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास - पौष*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - पंचमी रात्रि 10:00 तक तत्पश्चात षष्ठी*
🌤️ *नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 09:23 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
🌤️ *योग - सिद्धि सुबह 10:08 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 10:00 से सुबह 11:22 तक*
🌤️ *सूर्योदय 07:18*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:09*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - व्यतीपात योग (सुबह 10:08 से 05 जनवरी सुबह 07:32 तक), पंचक*

💥 *विशेष-  पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

💥 *ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*

💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*

💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*


🌷 *घातक रोगों से मुक्ति पाने का उपाय* 🌷

👉🏻 *05 जनवरी 2025 रविवार को रात्रि 08:15 से 06 जनवरी सूर्योदय तक रविवारी सप्तमी है।*
🙏🏻 *रविवार सप्तमी के दिन बिना नमक का भोजन करें। बड़ दादा के १०८ फेरे लें । सूर्य भगवान का पूजन करें, अर्घ्य दें व भोग दिखाएँ, दान करें । तिल के तेल का दिया सूर्य भगवान को दिखाएँ ये मंत्र बोलें :-*

🌷 *"जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।"*

💥 *नोट : घर में कोई बीमार रहता हो या घातक बीमारी हो तो परिवार का सदस्य ये विधि करें तो बीमारी दूर होगी ।*



🌷 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*

🙏🏻 *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*

🌷 *इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।*

🙏🏻 *(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याया (10)*

🌷 *रविवार सप्तमी* 🌷

🙏🏻 *रविवार सप्तमी के दिन जप/ध्यान करने का वैसा ही हजारों गुना फल होता है जैसा की सूर्य/चन्द्र ग्रहण में जप/ध्यान करने से होता |*

🙏🏻 *रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे , तो उसकी घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं , अगर बीमार व्यक्ति न कर सकता हो तो कोई और बीमार व्यक्ति के लिए यह व्रत करे | इस दिन सूर्यदेव का पूजन करना चाहिये |*

🌞 *सूर्य भगवान पूजन विधि* 🌞

🙏🏻 *१) सूर्य भगवान को तिल के तेल का दिया जला कर दिखाएँ , आरती करें |*

🙏🏻 *२) जल में थोड़े चावल , शक्कर , गुड , लाल फूल या लाल कुम कुम मिला कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें |*

🌞 *सूर्य भगवान अर्घ्य मंत्र* 🌞

🌷 *1. ॐ मित्राय नमः।*
🌷 *2. ॐ रवये नमः।*
🌷 *3. ॐ सूर्याय नमः।*
🌷 *4. ॐ भानवे नमः।*
🌷 *5. ॐ खगाय नमः।*
🌷 *6. ॐ पूष्णे नमः।*
🌷 *7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।*
🌷 *8. ॐ मरीचये नमः।*
🌷 *9. ॐ आदित्याय नमः।*
🌷 *10. ॐ सवित्रे नमः।*
🌷 *11. ॐ अर्काय नमः।*
🌷 *12. ॐ भास्कराय नमः।*
🌷 *13. ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः।
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बोलो
*जय सियाराम*
🙏
*श्रीराधे-राधे श्याम*
🙏

3 weeks ago | [YT] | 51