गो कोटि दानं ग्रहणेषु काशी प्रयाग गंगा युत कल्प वासः यज्ञागतं मेरु सुवर्ण दानं गोविंद नाम्नान कदापि तुल्यम्
भावार्थ- यदि चन्द्रग्रहण के दिन काशी में एक करोड़ स्वर्ण मढीं सींग वाली गउएँ दान की जाएं, दस हजार वर्ष प्रयाग में कल्पवास किया जाय, यज्ञ कर सुमेरु पर्वत के बराबर स्वर्ण का दान किया जाय और इन सब कर्मों के पुण्य फल को तुला के एक पलड़े में रखा जाय और गोविन्द नाम' को दूसरे पलड़े में रखा जाय तो गोविन्द नाम भारी पड़ेगा।
Rahul Ji Maharaj
गो कोटि दानं ग्रहणेषु काशी
प्रयाग गंगा युत कल्प वासः
यज्ञागतं मेरु सुवर्ण दानं
गोविंद नाम्नान कदापि तुल्यम्
भावार्थ- यदि चन्द्रग्रहण के दिन काशी में एक करोड़
स्वर्ण मढीं सींग वाली गउएँ दान की जाएं, दस हजार वर्ष
प्रयाग में कल्पवास किया जाय, यज्ञ कर सुमेरु पर्वत के बराबर स्वर्ण का दान किया जाय और इन सब कर्मों के पुण्य फल को तुला के एक पलड़े में रखा जाय और गोविन्द नाम' को दूसरे पलड़े में रखा जाय तो गोविन्द नाम भारी पड़ेगा।
2 months ago | [YT] | 18