Satpal Sahu
सजे घाट, बहे प्यार की धारा, उगते सूरज को नमन हमारा। आस्था की ये डोर है अटूट, छठ मइया से जुड़ा हर एक सपूत। जल में खड़ी ममता की मूरत, सूरज को अर्घ्य देकर मांगी मन्नत। धूप-दीप और फल-फूल संग, भरती है मन में श्रद्धा का रंग। भाई-बहन संग परिवार की छांव, इस पूजा में सबका होता है भाव। त्याग, प्रेम और समर्पण का रूप, छठ पूजा में बसता है ये संसार अनूप। व्रती का ये तप, ये विश्वास, छठ मइया पूरी करें हर आस। सुख, समृद्धि से भर दें जीवन, हर दिल में जागे भक्ति का मधुरन। सूरज की रोशनी से पावन हर घर, छठ का त्योहार खुशियों से भर। माँगते हैं हम आशीष तुम्हारा, हे छठी मैया, साथ रहे तुम्हारा।
2 months ago | [YT] | 5
Satpal Sahu
सजे घाट, बहे प्यार की धारा,
उगते सूरज को नमन हमारा।
आस्था की ये डोर है अटूट,
छठ मइया से जुड़ा हर एक सपूत।
जल में खड़ी ममता की मूरत,
सूरज को अर्घ्य देकर मांगी मन्नत।
धूप-दीप और फल-फूल संग,
भरती है मन में श्रद्धा का रंग।
भाई-बहन संग परिवार की छांव,
इस पूजा में सबका होता है भाव।
त्याग, प्रेम और समर्पण का रूप,
छठ पूजा में बसता है ये संसार अनूप।
व्रती का ये तप, ये विश्वास,
छठ मइया पूरी करें हर आस।
सुख, समृद्धि से भर दें जीवन,
हर दिल में जागे भक्ति का मधुरन।
सूरज की रोशनी से पावन हर घर,
छठ का त्योहार खुशियों से भर।
माँगते हैं हम आशीष तुम्हारा,
हे छठी मैया, साथ रहे तुम्हारा।
2 months ago | [YT] | 5