Friends RK Girdhar

Friends are Our Power" मित्र की सफलता के पीछे उसके मित्रों का भी हाथ होता है।" फ्रेंडशिप,मित्रता,दोस्ती आदि रिश्तों को अलग अलग रूप में परिभाषित किया जाता रहा है।श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता आज भी उदाहरण बना हुआ है।वंही युग आया फिल्मो का तो 'शोले' में 'जय-वीरू' की दोस्ती मशहूर हो गई।मित्रो 'फ्रैंडशिप' का युग सामने आ गया। मेल-फीमेल की फ़्रेण्डशिप भारत मे ज्यादा पुरानी नही है। पहले ऐसे रिलेशन को इश्क,प्यार,महोब्बत आदि के रूप में देखा जाता था।ऐसे रिश्तों का उद्देश्य 'विवाह' होना ही था।हिंदी फिल्मों ने इसे लम्बे समय तक बहुत भुनाया। अब समय बदला सोशल मीडिया ,सोशल एक्टिविज,सोशल लाइफ ही नही इकोनॉमी लाइफ ने दोस्ती को नई पहचान दी है। मित्रो आज चाहे सोशल मीडिया प्लेटफार्म हो या जमीनी सोशल लाइफ हो,जिसके दोस्त अधिक जा वही हर क्षेत्र में पावर फूल है
।यहां यह याद रहे कि कभी भी दोस्तो को अपनी स्वार्थपूर्ति के लिये न समझे। सहयोग,इंसानियत की भावना के बिना दोस्ती बेमानी है। सुख दुख में साथ रहे वही सच्चा दोस्त है।।मित्रो आपका कोई भी मित्र किसी भी सैक्टर में हो अपने मित्रों का हर सम्भव साथ दें।