Deepika Rahul Sharma

प्रेम से बढ़कर त्याग है। * *दौलत से बढ़कर मानवता है, परंतु सुंदर रिश्तों से बढ़कर इस दुनियाँ में कुछ भी नहीं है। * * जरूरी नहीं की मिठाई खिलाकर ही दूसरों का मुँह मीठा करें, आप मीठा बोलकर भी लोगों को खुशियाँ दे सकते हैं। *


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