इस चैनल के माध्यम से शॉर्ट वीडियो दिखाने का प्रयास किया है।भक्ति की उत्पत्ति का पहला सोपान है "भजन "।अब अपलोगो को लग रहा होगा कि ये भजन तो है नहीं,तो हम बता दें कि आप अपने प्रभू के प्रति समर्पित होकर,उनका ध्यान करके जो भी गीत गाते है या सोचते हैं वह भजन ही है। निर्भर करता है कि आपके भाव किसके लिए है। मैं तो अपना भाव अपने श्रीकृष्ण को लेकर रखती हूँ। जीवन में बहुत सी परेशानियां, दुःख, कष्ट और संकट हैं। इंसान निवारण ढूंढता रहता है। एक का निवारण करता है चार और आ जाती है। इन सभी का निवारण करने वाला बस एक हमारे राधेश्याम ही है। कुछ लोग इन्हें अपना लाला मानकर सेवा करते हैं तो कुछ अपना सखा (मित्र), कुछ अपना प्रेमी तो कुछ भाई, कुछ इन्हें अपना माता-पिता तो कुछ भगवान। आप क्या मानते हैं वो आपके उपर है। अगर अपने सारे कष्टों, परेशानियों से मुक्ति चाहतें हैं तो आज से अपने हृदय में श्रीकृष्ण की छवि बसा कर भजन शुरू कर दीजिये। आप हर चीज से संतुष्ट हो जाएंगे,असली खुशी क्या होती है पता चल जाएगा। ये मेरा स्वयं का अनुभव है। जीवन में ये करने से परिवर्तन ना हुआ तो कॉमेंट करके अवश्य बताना। जय श्री कृष्णा।🙏🙏