1. हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय है.
2. मै उसी को मानता हु जो हमे स्वंत्रता, समानता और आपस में भाईचारा रखना सिखाता है.
3. जिस रविदास जी को देखने से घर्णा होती थी, जिसका नरक कुंद मे वास था, ऐसे रविदास जी का प्रेम भक्ति ने कल्याण कर दिया है ओंर वह एक मनुष्य के रूप मै प्रकट हो गए है।
4. रविदास जी कहते हैं कि मात्र जन्म के कारण कोई नीच नहीं बन जाता हैं परन्तु मनुष्य को वास्तव में नीच केवल उसके कर्म बनाते हैं।
5. शिक्षा का अधिकार जितना पुरुषो का है उतना ही अधिकार महिलाओ का भी है.
6. जो मन से स्वन्त्र है वास्तविक में वही लोग स्वन्त्र है.
7. आप जो कुछ भी अपने महान प्रयासों के जरिये प्राप्त करते है उससे बढ़कर इस दुनिया में आपके लिए कुछ नही है.
8. किसी की पूजा इसलिए नहीं करनी चाहियें क्योंकि वो किसी पूजनीय पद पर बैठा हैं। यदि उस व्यक्ति में योग्य गुण नहीं हैं तो उसकी पूजा नहीं करनी चाहियें। इसके विपरीत यदि कोई व्यक्ति ऊँचे पद पर नहीं बैठा है परन्तु उसमे योग्य गुण हैं तो ऐसे व्यक्ति को पूजना चाहियें।
शिक्षित बने, संगठित रहे और संघर्ष करे ...... . .